• Hindi Poetry | कविताएँ

    तक़दीर

    एक दिन तक़दीर रुबरू हुई
    पूछने लगी कैसे हैं हाल
    जवाब में खुद ही बोली
    मैं तुम्हारी हूँ यही है कमाल

    फिर बीते कुछ और दिन महीने साल
    ज़िंदगी की किताब में बाब जुड़ते गए
    होने लगा कुछ और यक़ीन उस मुलाक़ात पे
    दौर कुछ और कुछ हसीं कुछ तंग गए

    बस वो दिन था और एक आज है
    हर गुज़रे पल की एहमियत पहचानते हैं
    मिली थी जो उस दिन यकायक हमें
    वो तक़दीर तुम हो बस ये जानते हैं

    तुम ख़ुश रहो ख़ुशहाल रहो
    हर दिन ये दुआ माँगते हैं
    तुम्हारी हर ख़ुशी में है हमारी ख़ुशी
    उस रोज़ से हम यही मानते हैं
  • English Poetry

    I Believe

    Sunlight streams through my window
    But fails to lighten up my dark corners
    The corners of my vacant heart
    
    Life just passed me by
    While I sat making other plans
    A long winding highway with pain at every bend
    A journey spent in waiting for the next milestone
    Just tunnels without any light at the end
    Good things come to those who wait they say
    How much longer? How much further?
    No stopovers, no goodbyes
    No fleeting moments stolen from life
    Lifes just a one way track headed nowhere
    Hope is the fuel I run on
    And I still wait because I believe
    Yes, I believe