• Hindi Poetry | कविताएँ

    Humare Ram (हमारे राम)

    Painting Credit & Courtesy: Sukhpal Grewal
    श्री राम कहो, रामचंद्र कहो
    कोई भजे सियाराम है
    कोई कहे पुरुषोत्तम उनको
    मानो तो स्वयं नारायण है 
    
    
    कुछ तो बात होगी ही न उनमें
    की राम भावना युगों से प्रचलित है 
    सहस्रों हैं वर्णन उनके, सैंकड़ो हैं गाथाएँ
    जो राम हैं हमारे वह तो हर कण में रमित हैं
    
    
    आज सज रहा शहर मोहल्ला
    सजी सजी हर गली भी है
    लहरा रही हनुमान पताका
    श्री राम लहर जो चली है
    
    जलेंगे आज दीप घर घर में
    पौष में मन रही दिवाली है
    प्रस्थापित होंगे राम लल्ला अवध में
    हर मन प्रफुल्लित और आभारी है
    
    पुनः निर्मित हो रहा है जो
    केवल मंदिर नहीं स्वाभिमान है
    यह किसी धर्म संप्रदाय की विजय नहीं
    धरोहर हैं हम जिसकी उस सभ्यता का उत्थान है
    
    हो सम्मान जहाँ हर नर का
    सम्मानित जहाँ हर नारी है
    प्रेरित हो जो राम राज्य से
    उस भारत की रचना ज़िम्मेदारी है
    
    राम आस्था राम विश्वास
    राम जीवन की सीख हैं
    राम रामत्व रम्य रमणीय
    राम इस संस्कृति के प्रतीक हैं
    
    कोई कहे पुरुषोत्तम उनको
    मानो तो स्वयं नारायण है 
    श्री राम कहो, रामचंद्र कहो
    कोई भजे सियाराम है
    
    
    
    
    
    
    
    
    
    
    
  • Hindi Poetry | कविताएँ

    Shunya (शून्य)

    शून्य से जन्मा हूँ मैं
    और शून्य में मिल जाऊँगा
    इस मेल के अंतराल में
    जीवन काल मैं बिताऊँगा
    
    अल्प है किंतु ये
    पूर्ण ये विराम नहीं
    आज के गगन का
    अस्त सूर्य ये हुआ नहीं
    
    मात्र कुछ शब्द कह
    वाणी ये न थम पाएगी
    पंक्तियाँ इस वाक्य की
    महाकाव्य ही रच जायेंगी
    
    स्वयं है लिखि जा रही
    हस्त की ये रेखा नहीं
    सीख ली है हर उस बाण से
    जिसने लक्ष्य भेदा नहीं
    
    कर्म मैं अपना करूँ
    आगे बढ़ता जाऊँगा
    भाग्य की धरती से मैं
    फल नहीं उपजाऊँगा
    
    पाया जो पितृ-तात् से
    दंभ उसका किंचित् भी नहीं
    आशंका मात्र इतनी है
    वृद्धि उसमें कर पाऊँ कि नहीं
    
    नयनों को विश्वास है
    स्वप्न सच हो जाएँगे
    कष्ट करने वालों को
    कृष्ण मिल ही जाएँगे
    
    पथ पे चल पड़ा हूँ जिस
    आपदा का अब भय नहीं
    न मिले या मिलतीं रहें
    उपलब्धियाँ मेरा अस्तित्व नहीं
    
    शून्य हूँ मैं
    और शून्य में मिल जाऊँगा
    अंत की अग्नि में जल
    कल राख़ मैं बन जाऊँगा
    
  • Hindi Poetry | कविताएँ

    तक़दीर

    एक दिन तक़दीर रुबरू हुई
    पूछने लगी कैसे हैं हाल
    जवाब में खुद ही बोली
    मैं तुम्हारी हूँ यही है कमाल

    फिर बीते कुछ और दिन महीने साल
    ज़िंदगी की किताब में बाब जुड़ते गए
    होने लगा कुछ और यक़ीन उस मुलाक़ात पे
    दौर कुछ और कुछ हसीं कुछ तंग गए

    बस वो दिन था और एक आज है
    हर गुज़रे पल की एहमियत पहचानते हैं
    मिली थी जो उस दिन यकायक हमें
    वो तक़दीर तुम हो बस ये जानते हैं

    तुम ख़ुश रहो ख़ुशहाल रहो
    हर दिन ये दुआ माँगते हैं
    तुम्हारी हर ख़ुशी में है हमारी ख़ुशी
    उस रोज़ से हम यही मानते हैं
  • English Poetry

    I Believe

    Sunlight streams through my window
    But fails to lighten up my dark corners
    The corners of my vacant heart
    
    Life just passed me by
    While I sat making other plans
    A long winding highway with pain at every bend
    A journey spent in waiting for the next milestone
    Just tunnels without any light at the end
    Good things come to those who wait they say
    How much longer? How much further?
    No stopovers, no goodbyes
    No fleeting moments stolen from life
    Lifes just a one way track headed nowhere
    Hope is the fuel I run on
    And I still wait because I believe
    Yes, I believe
  • English Poetry

    Time to Fly

    Some pages in the book of life are best unread
    No point looking back nor consider retreat
    
    
    Got to find a raindrop that patters to your beat
    There is a cloud that has your silver line
    
    
    
    There're shells at a beach for you to find
    Spaces for you to venture into
    
    
    Challenges waiting for you to try
    Dreams waiting to come alive
    
    
    Go on! Turn the page
    Life's waiting to be lived
    
    
    It's not just spreading your wings
    But courage that makes you fly
  • English Poetry

    An Ode… To Those Who Believed

    It's not easy to walk a different path
    To set off on a journey where questions abound
    
    The doubts they flourish when you are stepping onto roads 
    That are foreseeably bumpy, uncharted, even inexistent
    
    Risking it all doesn’t mean absence of fear
    The clock is your enemy and the mirror isn’t your friend
    
    When you have only yourself to blame and to rely
    When there are no maps or guiding stars in the sky
    
    Tis the believers who hold the torch
    For the explorers on their onward march
    
    No birds ever flew without the wind beneath their wings
    It is their belief that fuels the hope each passing day brings