Armageddon
Things aren’t always
As they seem the wise say
Life is after all, about the greys
And the games people play
Be wary of the silences
For in them lie the seeds
Of perceptions and pretences
Scheming and devious deeds
Minds with power to spread fear
No sweat broken when a lie is told
Bereft of emotion, never ever a tear
Ethics pawned and conscience sold
Gather ye the guardians of good
For the hour of reckoning has come
Stand for what’s right as you should
Fight for all and not just for some
The brave must protect and fight
For the meek to inherit the earth
Light torches, shine the path bright
Time to show what truth is worth
Blow hard, blow high, blow strong
Drive those storm clouds far away
For good takes time to come along
When it does, hold on, make it stayEkant (एकांत)
बीती रात खिचे परदों के उस तरफ
कड़कती बिजली, तेज़ हवाओं का शोर
और गरजते बादलों का कोलाहल था
इस तरफ़ था बीतते पलों का एहसास
कट गई या करवटों में काट दी
चैन की नींद मानो एक एहसान थी
आँख जब खुली तो सन्नाटा सा था
परदों के बीच एक किरण फूट रही थी
जैसे उस पार के नज़ारे का न्योता दे रही थी
भोर का चित्त निशा के विपरीत मौन था
खुले परदों और गुज़री रैन के कालांतर में
एकांत का वज़न और बदला दृष्टिकोण थाDil Chahta Hai (दिल चाहता है)
इस दौड़ती थकाती ज़िंदगी से
एक पल चुराना ये दिल चाहता है
किसी भूले से पसंदीदा एक गीत के
दो बोल गुनगुनाना ये दिल चाहता है
बिन मतलब बंध जाते थे जो
ऐसे मीत ये दिल चाहता है
बिन मौसम बेइंतहा बरसती रहे जो
ऐसी प्रीत ये दिल चाहता है
ख़र्च अपने किसी शौक़ पे कर सकें
वो फ़ुरसत ये दिल चाहता है
चल पड़ें किसी रूमानी डगर पर
ऐसी हिम्मत ये दिल चाहता है
कथनी करनी में भेद ना हो जिनमें
वो बोल बोलना ये दिल चाहता है
मर्यादा जो मनसपूर्ण और सच्ची हो
वो लेना-देना ये दिल चाहता है
चाहत में जहाँ निजी स्वार्थ न हो
वो दुनिया ये दिल चाहता है
बिन माँगे पूरी करे जो सबकी दुआ
ऐसा ख़ुदा ये दिल चाहता हैHumsafar(हम)सफर
मीलों का ये सफ़र है
तेरे संग जो है तय करना
एक नहीं कई मंज़िलें हैं
तेरे साथ जिनको है पाना
मिलेंगे राहगुज़ार और भी हमें
कुछ मिलनसार कुछ बदमिज़ाज होंगे
कोई उकसायेगा कोई भटकायेगा हमें
जूझेंगे उनसे और हर सितम झेल लेंगे
मुश्किलें भी कई पेश आयेंगी
हालात हमारे ख़िलाफ़ होंगे
कुछ पल को राहें भी जुदा लगेंगी
मगर एक दूसरे को हम सँभाल लेंगे
सात कदम, सात जन्म, सात समंदर
मेरी नज़र में हर दूरी तेरी सोहबत में कम है
तू जहाँ वहीं चैन वहीं सुकून है दिल के अंदर
मोहब्बत और दोस्ती पाने नहीं निभाने का नाम हैतक़दीर
एक दिन तक़दीर रुबरू हुई
पूछने लगी कैसे हैं हाल
जवाब में खुद ही बोली
मैं तुम्हारी हूँ यही है कमाल
फिर बीते कुछ और दिन महीने साल
ज़िंदगी की किताब में बाब जुड़ते गए
होने लगा कुछ और यक़ीन उस मुलाक़ात पे
दौर कुछ और कुछ हसीं कुछ तंग गए
बस वो दिन था और एक आज है
हर गुज़रे पल की एहमियत पहचानते हैं
मिली थी जो उस दिन यकायक हमें
वो तक़दीर तुम हो बस ये जानते हैं
तुम ख़ुश रहो ख़ुशहाल रहो
हर दिन ये दुआ माँगते हैं
तुम्हारी हर ख़ुशी में है हमारी ख़ुशी
उस रोज़ से हम यही मानते हैंरिश्ता
न पूछो क्यों
बस इतना जान लो
ये रिश्ता गहरा है
दूरियाँ भले कितनी हों
तार जुड़े ही रहेंगे
ये रिश्ता गहरा है
वक़्त के पन्ने
चाहे जितने पलट लो
ये रिश्ता गहरा है
ख़याल मिले थे
दिल मिलते रहेंगे
ये रिश्ता गहरा है
एक उम्र निभाई है
एक उम्र का वादा है
ये रिश्ता गहरा हैSaath (साथ)
Chaos of Commitment
Water Colour by Cathy Hegmanजब मंज़िलें धुंदली हों और जब रास्ते हो अनजाने क्या तुम साथ दोगे जब सासें फूलने लगे और चलना हो नामुमकिन क्या तुम साथ दोगे जब हौंसले हो तंग और जब हिम्मत न बन्धे क्या तुम साथ दोगे जब उम्मीदें जॉए बिखर और निराशा ही हाथ लगे क्या तुम साथ दोगे जब जेबें हो खाली और तेज़ भूक लगे क्या तुम साथ दोगे जब चिलचिलाती हो धुप और कहीं छाँव न दिखे क्या तुम साथ दोगे जब सब दामन चुरा लें और कोई मान न दे क्या तुम साथ दोगे जब सात वचन मैं लूँ ये और हाँ कह निभाऊँ उम्र भर उन्हें क्या तुम साथ दोगे
The Night Watchman
Dense fog hangs on Rather obstinately The underlying sense of gloom Is undeniable Rays of the morning sun Battle to sneak in The air feeble in its movement Struggles to rustle a leaf The embers have braved on Valiant in their heat They beat a cold night The ashes tell their tale The steaming cup of tea Signals a new day Dutybound or subservient He salutes with a morning wish Hope and need intertwine Need saying survive another day Hope nudging and telling him This too shall pass
Tijori (तिजोरी)
लम्हा लम्हा बीत रही है ज़िंदगी जीवन की अपनी ही एक ताल है वक्त की किसी से नहीं है बंदगी हाल-ए-जहाँ से बेवास्ता चाल है बचपन जवानी की चोटियाँ पीछे कहीं दूर छूठ गयीं ये अधेड़ उम्र की है वादियाँ बहती दरिया है, मोड़ आगे हैं कयीं कैसे ठहरें बस जायें किसी एक लम्हे में हम बिखरे पड़े हैं यादों के ढेरों मोती चमक है कुछ में और कुछ में है कम किसी लम्हे में सुबह, किसी में शाम नहीं होती भर तो ली है हमने यादों से तिजोरी वक्त के कहाँ हुए हम धनी हैं बाज़ार में माज़ी की क़ीमत है थोड़ी क्या मालूम बस सही परख़ की कमी है टिक टिक करता रहता है गजर मसखरी सुई भी ज़िद पे अड़ी है एक तू ही नहीं महफ़िल में बेख़बर ग़ौर कर ऐसे रईसों की भीड़ लगी है
Listen to Tijori – Recited by Sudhām I am YOU!
Perhaps it’s always been the case But I have begun to feel it more these days In important and in those little things In familiar yet in undescribable ways I notice it in the way I speak Even in the way I react to what I eat It manifests in my constant worry I have changed for sure and it’s bittersweet Each day I look in the mirror the feeling grows It causes me to miss you more and then not to There are no two ways about it, I am sure I was “me” now I am “you”